सीबीआई के डिप्टी डायरेक्टर एम के सिन्हा ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोबल पर लगाया गंभीर आरोप

अर्बन मीरर समवाददाता

सीबीआई के डिप्टी डायरेक्टर एम के सिन्हा ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर करके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और केंद्रीय मंत्री पर गंभीर आरोप लगाया है। सिन्हा ने याचिका में कहा है कि देश का करोड़ों रुपया लूट कर भागने वाले आर्थिक अपराधियों का डोबल से रिश्ता है। आर्थिक अपराधियों को मदद करने में एक वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। आईपीएस एम के सिन्हा ने सीबीआई मुख्यालय से नागपुर तबादले को भी चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि उनके नेतृत्व में पीएनबी घोटाले जांच चल रही है जिसमें बैंक लुटेरे मेहुल चौकसी और नीरव मोदी शामिल हैं। इनको बचाने के लिए नागपुर तबादला किया गया है। सीबीआई अधिकारी के द्वारा केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पर लगाए गए आरोप के प्रमुख अंश जो उच्चतम न्यायालय की याचिका में शामिल हैं-

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केन्द्रीय जांच एजेन्सी सीबीआई, आयकर एवं ईडी से क्यों डरे हुए चंद्रबाबू नायडू
नयी दिल्ली- । आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू केन्द्रीय जांच एजेंसियों से क्यो डरे हुए है। सीबीआई को राज्य में जांच करने पर रोक लगाने के बाद आयकर और ईडी की जांक कर भी रोक लगाने की तैयारी में जुटे है। टीडीपी सांसद के अनुसार चंद्रबाबू नायडू गैर भाजपा दलों को एक साथ लेकर उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे कि लोकसभा 2019 सामान्य चुनाव के पहले राज्यों में ईडी और आयकर विभाग के सीधे जांच पर रोक लगायी जाय। सांसद का कहना है इसके लिए ममता बनर्जी सहित अन्य गैर भाजपा दलों से बात चीत की जा रही है। और एक कामन मिनिमम प्रोग्राम बनाया जा रहा है। जिसमें केन्द्रीय जांच एजेंसियों को राज्यों में सीधे जां करने पर रोक लगाने की मांग की जायेगी।

सवाल यही उठ रहा है कि चंद्र बाबू नायडू आखिर जांच केन्द्रीय जांच एजेंसियें से क्यों डर गये है। सीबीआई के जांच करने के कानून को राज्य में रोक लगाने के बाद इन्कमटैक्ट एवं ईडी के जांच से क्यों घबराये है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से क्यों डर रहे है। जबकि कर्नाटक ,उड़ीसा सहित आदि राज्यों के मुख्यमंत्री नायडू के चंद्र बाबू नायडू सेे असहमत है। केवल ममता बनर्जी ने चंद्र बाबू नायडू का खुलकर समर्थन किया है। उत्तर प्रदेश में सपा,बसपा मोदी सरकार पर सीबीआई, ईडी,और आयकर जैसी जांच एजेंसियों के दुरूप्रयोग का आरोप लगा रहे है लेकिन चंद्र बाबू नायडू के साथ ममता की तरह खड़े नही है। माना यह जा रहा है कि सीबीआई के निदेशक ओ.पी. वर्मा विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की बीच भ्रष्टाचार के आरोपों-प्रत्यारोपों में आन्ध्रप्रदेश के सना व्यक्ति का नाम आया है। सना नामक व्यक्ति चंद्र बाबू नायडू का नजदीकी माना जा रहा है। जिस तरह से सीबीआई की साख गिरी है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार सीबीआई के जंग में विवादों में आई है उससे यह स्पष्ट है कि उच्चतम न्यायालय से ओ.पी.वर्मा एवं राकेश अस्थाना के मामले पर जैसे अंतिम निर्णय होता है वैसे ही सीबीआई अपने प्रतिष्ठा बहाल करने के लिए जांच में तेजी ला सकती है। सीबीआई के साथ ही आयकर और ईडी जांच एजेंसी भी सीबीआई घुस काण्ड की तेजी से जांच में जुटेगी। ऐसे में सना जैसा व्यक्ति से गहराई से पूछ-ताछ होगी और मामला चंद्र बाबू नायडू तक पहुंच सकता है। चंद्र बाबू नायडू दक्षिण भारत के कद्वावर नेता है और वर्षो तक भाजपा के गठबन्धन से जुड़े रहे है। अटल विहारी वाजपेयी और मोदी सरकार को भी समर्थन दिया है लेकिन कुछ माह पूर्व नायडू ने मोदी सरकार से नाता तोड़कर राहुल गांधी के कैम्प में शामिल हो गये है। इससे नायडू को डर सता रहा है कि मोदी सरकार, लालू , चिंदबरम की तरह आन्ध्र प्रदेश में भी टीडीपी के नेताओं को भी निशाना बना सकती है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के टीएमसी के कई नेता शारदा घोटाले में सीबीआई के जांच के घेरे में है। टीएमसी के कई नेता आवासों पर सीबीआई टीडी और आयकर के छापे भी पड़ चुके है। ऐैसे में 2019 लोकसभा का चुनाव को देखते हुए मोदी दबाव बनाने के लिए टीडीपी के नेताओं पर भी केन्द्रीय जांच एजेंसियों का दुरूप्रयोग कर सकते है।

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