बिजली विभाग में हो रही चोरी विशेष वर्ग में आती है ।कितनी चोरी हुई,कहां और कब हुई,यह तो सामान्य वर्ग की चोरी में भी मालूम रहता है पर कौन चोरी कर रहा है और कौन मदद कर रहा है यह सिर्फ़ बिजली चोरी मामलों में पता रहता है।वर्षों से,उत्पादित बिजली इकाई माप,और,बिजली खपत इकाई माप में,बड़ा अंतर रहा है जिसको बिजली बोर्ड संचरण तथा वितरण हानि के खाते में डाल कर रफ़ा-दफ़ा कर देता है।
प्रो. एच सी पांडे
उत्तर प्रदेश सरकार का बिजली विभाग अब योगनिद्रा से जाग उठा है।जब मुख्यमंत्री ही योगी हैं तो विभाग को यौगिक क्रिया की आवश्यकता तनिक भी नहीं है और नींद से जगकर कार्मिक क्रियाओं पर ध्यान देना श्रेयस्कर है अतः अब बिजली विभाग बिजली से संबंधित सभी समस्याओं पर बिजली गिराने को तैयार है।जैसे ही विभाग को पता चला कि बर्क का मतलब,उर्दू में,बिजली है विभाग हरकत में आ गया और सँभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के मामलों को जिन्हें विभाग अपने कार्यक्षेत्र से बाहर समझता था,अपने संज्ञान में लेआया।नतीजतन,विभाग ने,अभी तक नज़रअंदाज़ किया हुए बिजली चोरी के मामले में,सांसदीय विशेषाधिकार की दीवार कूदकर,समाजवादी नेता जियाउर्रहमान बर्क पर मुकदमा ठोक दिया और संबंधित एफआइआार थाने में दर्ज करवा दी।चलिये कम से कम यह तो पता चला कि विद्युत विभाग के पास लोड शैडिंग के बाद भी इतनी बिजली शेष है कि वो माननीय एम०पी० को झटका दे सके ।
वैसे तो चोरी एक सर्वव्यापी समस्या है परन्तु बिजली विभाग में हो रही चोरी विशेष वर्ग में आती है ।कितनी चोरी हुई,कहां और कब हुई,यह तो सामान्य वर्ग की चोरी में भी मालूम रहता है पर कौन चोरी कर रहा है और कौन मदद कर रहा है यह सिर्फ़ बिजली चोरी मामलों में पता रहता है।वर्षों से,उत्पादित बिजली इकाई माप,और,बिजली खपत इकाई माप में,बड़ा अंतर रहा है जिसको बिजली बोर्ड संचरण तथा वितरण हानि के खाते में डाल कर रफ़ा-दफ़ा कर देता है।जबकि यह अंतर मुख्यतः बिजली की चोरी के चलते होता है।चोरी के तरीक़े सर्व विदित है, ‘कटिये’ डालना, मीटर शार्ट-सर्किट करना,मीटर तोड़ देना और मीटर रीडर को मीटर रीडिंग नहीं लेने देना आदि,आदि।’कटिये’,शार्ट सर्किट तार अथवा टूटा मीटर,अदृश्य उपकरण नहीं होते हैं,और,मीटर रीडर को रोकने वाले स-शरीर सामने खड़े रहते हैं परंतु विद्युत विभाग कर्मचारियों की आॉंखे इन छँटे हुए उपभोक्ताओं के राजनैतिक आकाओ के डर से बंद ही रहती है।शहरों में कई इलाक़े हैं जहां वर्षों से कोई विभाग का अधिकारी तक नहीं जा सका है,क्योंकि,राजनैतिक हाई-वोल्टेज से वहाँ पर,सारे विद्युत विभाग की करेंट बंद हो जाती है ।
अब देखिए यथा नाम तथा गुण।’बिजली’ के सुपुत्र ‘बिजली’ के घर बिजली ही बिजली और इतनी बिजली,कि आसपास के १०० घरों में भी बिजली का दरिया बह रहा है ।वस्तुतः माननीय सांसद ‘बिजली ‘ का घर एक अच्छे-ख़ासे बिजलीघर की तरह चल रहा था परंतु अब बिजली विभाग ने वहाँ की बिजली काट दी है ।
यह अब संभव हो पाया क्योंकि राजनैतिक वोल्टेज, A.C.(avoid confrontation) के बदले D.C.(direct confrontation) हो गई है परिणामस्वरूप ‘बिजली ‘ घर के सारे उपकरण बेकार हो गये हैं।अब परिस्थिति बदलने का प्रयास विपक्षी दलों द्वारा किया जा रहा है और वे ताल ठोक कर कह रहे हैं,कि ‘बिजली’ के घर की बिजली काटना असंवैधानिक है और वे सब A.C.,D.C. नहीं बल्कि कि H.C. और S.C. की बिजली को मान्यता देते हैं।यह बिजली कब और कहां गिरेगी आने का समय बतलाएगा।
(प्रो. एच सी पांडे, मानद कुलपति, बिट्स, मेसरा हैं)